वॉशिंगटन/न्यूयॉर्क. आपने एक कहावत सुनी होगी, कि एक सच छिपाने के लिए लोग सौ झूठ बोलते हैं. मगर ट्रंप के साथ उल्टा हो गया. उन्होंने एक सच छिपाने के लिए 100 झूठ बोले, मगर 34 में वह दोषी पाए गए. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें चुनावी साल में बढ़ गई हैं. हश मनी केस में उन्हें दोषी पाया गया है. ज्यूरी ने 10 घंटे के विचार विमर्श के बाद ट्रंप को इस केस से जुड़े 34 मामलों में दाषी पाया है. सजा का ऐलान बाद में किय जाएगा. डोनाल्ड ट्रंप इस फैसले को चुनौती भी दे सकते हैं. पूर्व राष्ट्रपति पर इस मामले को लेकर कई बार झूठे दावे करने का भी आरोप लगा है. अब उनका झूठ एक-एक कर उजागर हो रहा है. बता दें कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अपना दावा पेश किया है. वह उम्मीदवारी की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं, लेकिन हश मनी केस में फैसले से उनके अभियान पर बुरा असर पड़ सकता है.
हश मनी केस में क्लोजिंग दलील के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. उन्होंने जज मर्चेन पर आरोप लगाया कि उन्हें अपने पक्ष में कुछ बातें कहने का मौका नहीं दिया गया. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा भ्रामक है. ट्रंप की लीगल टीम ने जज मर्चेन के समक्ष ‘वकीलों की सलाह’ का प्रावधान लागू करने का आग्रह नहीं किया. बता दें कि इस प्रावधान के तहत बचाव पक्ष कोअटॉर्नी क्लाइंट प्रिविलेज को छोड़ना होता है. सुनवाई से पहले ट्रंप की टीम ने जज मर्चेन को बताया था कि वह एडवाइस ऑफ काउंसल का प्रावधान को प्रभाव में न लाने की गुहार लगाई थी.
जज पर ही आरोप
डोनाल्ड ट्रंप ने ज्यूरी में शामिल जज मर्चेन पर एक और गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा था कि मर्चेन नहीं चाहते कि उनके खिलाफ लगाए गए फर्जी आरोपों पर एक मत से फैसला हो. पूर्व राष्ट्रपति ने मर्चेन के व्यवहार को बेकार, असंवैधानिक और अमेरिका विरोधी करार दिया. वहीं, जज मर्चेन ने असल में ज्यूरी के सभी सदस्यों से कहा था कि सभी 34 मामलों में फैसला एकमत से लिया जाना चाहिए. न्यूयॉर्क इलेक्शन लॉ का मसला उठने के बाद जज मर्चेन ने कहा था कि ज्यूरी के अन्य सदस्यों को ट्रंप द्वारा अपनाए गए गैरकानूनी तरीकों पर फैसला लेने में एक राय होने की जरूरत नहीं है.
FIRST PUBLISHED : May 31, 2024, 13:46 IST