नई दिल्ली34 मिनट पहले
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नितिन अग्रवाल केरल कैडर के 1989 बैच के IPS अफसर हैं।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल और डिप्टी स्पेश डीजी वाईबी खुरानिया को पद से हटा दिया है। दोनों को तत्काल प्रभाव से हटाने के अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। दोनों को अपने-अपने होम कैडर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
1989 बैच के केरल कैडर के ऑफिसर नितिन अग्रवाल कार्यकाल बीच में छोड़ने वाले पहले BSF के डीजी होंगे। इनसे पहले जिन्होंने भी डीजी की जिम्मेदारी निभाई है, उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। अग्रवाल ने पिछले साल जून में पदभार ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल 2026 में पूरा होना था।
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग की डायरेक्टर साक्षी मित्तल ने ये आदेश जारी किए हैं। गृह मंत्रालय ने 30 जुलाई को कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी को यह आदेश जारी करने को कहा था। हालांकि, अभी यह बताया नहीं गया है कि BSF के दोनों टॉप अधिकारियों को क्यों हटाया गया है। उन्हें होम कैडर में क्या जिम्मेदारी दी गई है, इसकी जानकारी भी अभी सामने नहीं आई है।
दावा- जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घुसपैठ को लेकर फैसला
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई बढ़ती घटनाओं को लेकर किया है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 21 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में 24 एनकाउंटर और 11 आतंकी हमले हुए हैं। इनमें 14 लोगों और 14 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में बांंग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ को भी फैसले की वजह बताया गया है।
वाईबी खुरानिया ओडिशा के DGP बन सकते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वाईबी खुरानिया को ओडिशा में डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की जिम्मेदारी मिल सकती हैं। BSF की जिम्मेदारी मिलने से पहले भी वे ओडिशा पुलिस के बड़े पदों पर रह चुके हैं। उन्होंने एडिशनल DGP के अलावा राउरकेला, मयुरभंज और गंजम में SP भी रह चुके हैं। भुवनेश्वर, बेरहमपुर और संबलपुर रेंज DIG और IG भी रह चुके हैं।
जम्मू में घुसपैठ का ज्यादा खतरा
BSF भारत के पश्चिमी हिस्से में जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगी करीब 2,290 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। इनमें जम्मू क्षेत्र सीमा पार सुरंगों के लिए संवेदनशील है। जम्मू में घने जंगल और पहाड़ी इलाके है। आतंकवादी इन इलाकों में छिपकर हमला करते हैं। यहां घुसपैठ का ज्यादा खतरा होता है।
BSF की स्थापना पाकिस्तान से 1965 युद्ध के बाद हुई थी
- बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की स्थापना 1 दिसंबर 1965 को हुई थी। BSF एक अर्धसैनिक बल है, जो शांति काल के दौरान भारत की सीमा की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए जिम्मेदार है।
- BSF की स्थापना पाकिस्तान के साथ 1965 में हुए युद्ध के बाद की गई थी। पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाला सीमा सुरक्षा बल भारत के पांच केंद्रीय सशस्त्र बलों में से एक है।
- BSF वर्तमान में 186 बटालियन और 2.57 लाख कर्मियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स है। BSF गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी है।
- BSF का आदर्श वाक्य ‘ड्यूटी अनटू डेथ’ है। BSF एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जिसकी अपनी एयर विंग, मरीन विंग और आर्टिलरी रेजिमेंट हैं। BSF के पास एक टियर स्मोक यूनिट (TSU) भी है।
- BSF के पास एक अलग ऊंट और कुत्तों की विंग है, जिससे उन्हें कच्छ के रण में भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे मुश्किल इलाकों में अपनी पहुंच का विस्तार करने में मदद मिलती है।