राजकोट शहर में रहने वाली 30 वर्षीय युवती ने स्वामीनारायण संप्रदाय के धर्मस्वरूपदास स्वामी के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में पीड़िता ने कहा है कि धर्मस्वरूपदास ने फर्जी शादी कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, जब वह प्र
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पुलिस ने मामला दर्ज कर धर्मस्वरूपदास स्वामी, उसके सहयोगी नारायण स्वरूपदास स्वामी और गुरुकुल संचालक मयूर कसोदरिया को गिरफ्तार करने की कवायद शुरू कर दी है।
फेसबुक से हुई थी पहचान: पीड़िता
राजकोट में रहने वाली पीड़िता ने शिकायत में कहा- स्वामीनारायण गुरुकुल उपलेटा तालुका के खिरसरा गांव में स्थित है, वहां रहने वाले धर्मस्वरूपदास स्वामी ने मुझे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। यह दिसंबर 2020 की बात है। मैंने उनकी प्रोफाइल देखी और उनकी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली।
इसके बाद हमारी व्हाट्सएप और फेसबुक पर बातचीत होने लगी। फिर उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैं फरवरी में स्वामी से मिलने खिरसरा गांव गई। गांव के बस स्टेशन पर स्वामी ने मुझे लेने के लिए अपने गुरुकुल संचालक मयूर कसोदरिया को भेजा था। मयूर ही मुझे गुरुकुल के तीसरी मंजिल स्थित अतिथि कक्ष में ले गया था।
आरोपी धर्मस्वरूपदास स्वामी का साथ देने वाले नारायणस्वरूपदास स्वामी की फाइल फोटो।
इसके बाद बातों में फंसाकर धर्मस्वरूपदास स्वामी ने गेस्ट रूम में मुझसे फर्जी शादी कर ली। तब उन्होंने मुझसे कहा कि अब मैं तुम्हारा कानूनी पति कहलाऊंगा, इसलिए अब तुम पर मेरा अधिकार है। गुरुकुल में ही उसने मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए और कहा कि तुम किसी को यह मत बताना कि हम शादीशुदा हैं। हम कानूनी तौर पर समाज में शादी नहीं कर सकते, हमें भिक्षु और भिक्षुणियों के रूप में एक साथ रहना होगा।
नन की कंठी पहनाकर गुरुकुल में रहने भेज दिया
इसके बाद मैं सप्ताह में दो बार स्वामी से मिलने जाती थी। स्वामी ने मुझे प्रलोभन दिया और कहा कि मुझे सेवा करनी है। इस दौरान मेरी धर्मस्वरूपदास स्वामी से नन बनने के बारे में बातचीत हुई। मैंने यह बात अपने परिवार को बताई। फिर हनुमान जयंती के दिन मैं और मेरा परिवार खिरसरा गांव गए और वहां हम स्वामी से मिले और नन बनने के बारे में बात की। यहां धर्मस्वरूपदास स्वामी ने मुझे नन के वस्त्र दिए और दीक्षा दिलवाई। दीक्षा के बाद मुझे टिम्बाडी गांव के एक गर्ल्स हॉस्टल ने एक कमरा दिया गया था।
स्वामी ने गर्भपात की दवा भेजी
कुछ महीनों बाद मेरा पीरियड मिस हो गया तो मैंने स्वामी से बात की। इसलिए स्वामी ने मयूर कसोदरिया के साथ एक गर्भावस्था परीक्षण किट भी भेजी। जांच के दौरान मुझे पता चला कि मैं गर्भवती हूं, इसलिए मैंने स्वामी को फोन किया और गर्भावस्था के बारे में बात की। जिसमें स्वामी ने मयूर के साथ गर्भपात की दवा भेजी और मुझे यह दवा लेने को कहा। इसलिए मैंने स्वामी की सलाह पर गर्भपात की दवा ली।
उपलेटा तालुका के खिरसरा गांव में स्थित स्वामीनारायण गुरुकुल के संचालक मयूर कसोदरिया की फाइल फोटो।
गर्भपात के बाद नन की ट्रेनिंग के लिए भुज भेजा
इसके बाद मुझे नन की ट्रेनिंग लेने के लिए भुज भेजा गया। भुज ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें हलवद ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। वहां ट्रेनिंग पूरी करने के बाद मैं वापस टिंबडी आ गई। इसी दौरान मैंने स्वामी से गर्भपात वाली बात की तो वे गुस्सा हो गए। उसने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे साथ कुछ भी गलत नहीं किया है।
इसके बाद मैंने यह बात स्वामी नारायणस्वरूपदासन को बताई। हालांकि, इस बात की जानकारी नारायणस्वरूपदासन और गुरुकुल के मैनेजर मयूर को पहले से पता थी। इसके बाद दोनों ने मुझे धमकाया और कहा कि अगर यह बात किसी को बताई तो पुरे समाज में तुम्हें बेइज्जत कर देंगे और तुम चैन से जी नहीं पाआगी।
पीड़िता ने पूरी घटना मां को बताई
इन लोगों ने डरा-धमका कर मुझे चुप करा दिया। दस दिनों के बाद मैं अपने घर राजकोट आई और मां को इस पूरी घटना के बारे में बताया। तब भी इस स्वामी ने मुझे फोन पर इस बारे में किसी को न बताने की धमकी दी और कहा कि अगर तुम केस करोगे तो कोई तुम्हारी बात पर यकीन नहीं करेगा।
लेकिन, परिवार से मिली हिम्मत के बाद मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। इस पूरी घटना में नारायण स्वरूपदास स्वामी और हॉस्टल मैनेजर मयूरभाई ने धर्मस्वरूपदास स्वामी की मदद की और पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी 376 2)(एन), 313, 114 के तहत मामला दर्ज किया है और पुलिस आगे की जांच कर रही है।