हजारीबाग. काली मिर्च को मसालों का राजा भी कहा जाता है. अधिकांश किचन में यह मसाला आपको मिल जाएगा. विश्व भर में काली मिर्च के उत्पादन में भारत का स्थान पहला है. ऐसे तो भारत के दक्षिणी हिस्सों में इसकी खेती की जाती है. अकेले 90 प्रतिशत उत्पादन केवल केरल में किया जाता है. हाल के समय में काली मिर्च की खेती करने का प्रयास देश के अन्य हिस्सों में भी किया जा रहा है, जो कई जगह सफल हो चुका है.
हजारीबाग के कृषि अनुसंधान केंद्र डेमोटांड़ में काली मिर्च की खेती की गई है, जो अब पूर्ण रूप से सफल हो चुकी है. यहां पर काली मिर्च को चाय बगान में लगे भिन्न-भिन्न पेड़ों के ऊपर लगाया गया है. कृषि अनुसंधान केंद्र के माली राजेश कुमार बताते हैं कि साल 2005 में हजारीबाग के कृषि अनुसंधान केंद्र में काली मिर्च का पौधा टेस्टिंग के लिए लगाया गया था. वहीं, पिछले कई सालों से इन पौधों से काली मिर्च की खेती आ रही है.
केरल की तरह यहां भी खेती
आगे बताया कि काली मिर्च की खेती किसानों के लिए वरदान से कम नहीं होगी. किसान के खेतों और बागों में ऐसे कई पेड़ होते हैं, जिनकी छांव के नीचे कोई भी फसल पूर्ण रूप से नहीं लग पाती है. ऐसे में किसान उस पेड़ के नीचे काली मिर्च की खेती कर सकते हैं. यहां की काली मिर्च भी केरल के काली मिर्च की तरह तीखी और स्वादिष्ट है. दोनों को देखकर या बता पाना मुश्किल होगा कि दोनों अलग-अलग जगह उपजाई गई हैं. किसान अनुसंधान केंद्र जाकर इसके संबंध में पूछताछ और जानकारी भी ले सकते हैं.
60 साल तक पौधे की उम्र
वहीं, इस संबंध में हजारीबाग के गोरिया करमा स्थित आईसीएआर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह बताते हैं कि काली मिर्च की खेती के लिए 35 डिग्री तक का तापमान उपयुक्त माना जाता है. इसके पौधे की आयु 25 से लेकर 60 साल के बीच मानी जाती है. साथ ही या लत वाला पौधा होता है, जिस कारण इसे पेड़ों के नीचे लगाना चाहिए ताकि काली मिर्च का पौधे आसानी से उन पेड़ों के सहारे बढ़ सके. इसके बीज नर्सरी में किसानों को मिल जाएंगे. इसकी खेती कर किसान छांव वाली भूमि में भी मुनाफा कमा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 14:24 IST